Ganesh ji ki Rochak Bate

Maa Bhakti
4 min readJun 28, 2021

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भगवान शिव और पार्वती के पुत्र Ganesh ji जी बुराइयों और बाधाओं का विनाश करने वाले भगवान हैं। भगवान Ganesh ji की पूजा से विद्या ज्ञान बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है Ganesh ji जी उन पांच प्रमुख देवताओं ब्रह्मा विष्णु शिव और दुर्गा में से एक है |

जिसकी मूर्ति पूजा पंचायतन पूजा के रूप में होती है शिव पुराण के अनुसार भगवान Ganesh ji जी को बनाने के लिए मां पार्वती जी की सहेली जया और विजया ने निर्णय लिया था उन्होंने मां पार्वती जी को सुझाव दिया था कि वह नंदी और शिव भगवान के निर्देशों का पालन करें इसलिए यहां एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो पार्वती जी के आदेशों का पालन करें इसके बाद पार्वती जी ने अपने शरीर के मेल से भगवान Ganesh ji जी को बनाया।

ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार देवी पार्वती ने बच्चे के लिए प्रेणक उपवास रखा था इसका परिणाम शीघ्र आया और भगवान कृष्ण स्वयं बच्चे के वेश में पार्वती के पुत्र बनकर आए |

ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार जब सभी था Ganesh ji जी को आशीर्वाद दे रहे थे तो शनिदेव जी सिर झुका कर खड़े हुए थे जब मां पार्वती ने इसका कारण पूछा तो शनि देव जी ने उत्तर दिया कि मैंने सीधे Ganesh ji जी को देखा तो परिणाम स्वरूप Ganesh ji जी का सिर धड़ से अलग हो जाएगा ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार जब शनिदेव ने पार्वती माता के दवाब देने पर सीधे Ganesh ji जी को देखा तो Ganesh ji जी का सिर धड़ से अलग हो गया |

तो उसी समय श्री हरि भगवान ने आप अपनी गरुड़ पर उतर दिशा में उड़ान भरी और पुष्पभद्रा नदी की तरफ पहुंचे जहां एक हथिनी अपनी बच्चे से मुंह मोड़कर सो रही थी और तभी उन्होंने बच्चे का सिर धड़ से अलग किया और भगवान Ganesh ji जी को नया जीवन प्रदान किया |

ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार भगवान शिव शंकर ने एक बार क्रोधित होकर भगवान सूर्यदेव पर त्रिशूल से वार किया इस पर सूर्य के पिता ने नाराज होकर भगवान शिव को श्राप दिया कि उन्हें भी एक दिन अपने पुत्र के शरीर का खंडन देखना होगा |

ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार 1 दिन तुलसी देवी गंगा को पार कर रही थी तो उसी समय Ganesh ji जी वहां ध्यान कर रहे थे Ganesh ji जी को देखकर तुलसी देवी उनकी ओर आकर्षित हुई और तुलसी जी ने भगवान Ganesh ji जी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो Ganesh ji जी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया इससे नाराज होकर तुलसी ने Ganesh ji जी को श्राप दिया कि तुम्हारी शादी जल्दी हो जाएगी और इसके बाद में Ganesh ji जी ने भी तुलसी देवी को भी श्राप दिया कि तुम भी एक पौधा बन जाओगी |

शिव पुराण के अनुसार भगवान Ganesh ji जी की शादी रिद्धि और सिद्धि के साथ हुई उनके दो पुत्र थे शुभ और लाभ |

शिव महापुराण के अनुसार जब शिव भगवान तिरुपुर को नष्ट करने जा रहे थे तभी एक आकाशवाणी हुई कि जब तक Ganesh ji की पूजा नहीं करोगे तब तक तिरुपुर को नष्ट नहीं कर सकते तब शिव भगवान ने भद्रकाली को बुलाया और Ganesh ji की पूजा की और उन्होंने कहा कि लड़ाई जीत ली है |

ब्रह्मवर्त पुराण के अनुसार जब परशुराम राम कैलाश पर्वत पर शिव भगवान से मिलने गए तो वह ध्यान में थे तो भगवान Ganesh ji जी ने उन्हें रोका तो भगवान परशुराम जी ने नाराज होकर Ganesh ji जी पर कुल्हाड़ी से वार किया जो शिव भगवान द्वारा ही दी गई थी जिसका बार कभी खाली नहीं जाता था इस हमले के दौरान भगवान Ganesh ji का एक दांत टूट गया इसलिए Ganesh ji जी को एक दंत के रूप में भी जाना जाता है |

भगवान श्री Ganesh ji बुद्धि और कौशल के देवता है उनकी आराधना कर अर्थ विद्या बुद्धि, ,विवेक ,यश, प्रसिद्धि, सिद्धि सहजता से प्राप्त हो जाते हैं | हिंदुओं में खास तौर पर श्री Ganesh ji प्रथम पूज्य देवता है, परंतु इस हकीकत से परे एक और सत्य है ,श्री Ganesh ji सिर्फ हिंदुओं द्वारा और भारत में ही नहीं पूजे जाते बल्कि विश्व में कई जगहों पर श्री Ganesh ji प्रमुख आराध्य देव है |

गणपति जी की आराधना को लेकर कुछ ऐसे तथ्य है | जिनसे आप अभी तक अनजान रहे इन्हें जानने के बाद आप दुगनी श्रद्धा और भक्ति के साथ गणपति जी की आराधना में जुट जाएंगे जानिए क्या है |

विश्व के अन्य स्थानों पर श्री Ganesh ji जी की पूजन एवं परंपरा और उनके विषय में प्रचलित मान्यता एवं रोचक तथ्यों के आधार पर भगवान Ganesh ji जी को जापान में भी बहुत महत्व दिया गया है|

जापान का सबसे बड़ा मंदिर माउंट एकोमा पर होजैन जी नाम से है यह दक्षिणी हिस्से में ओसाका शहर के बाहर बसा हुआ है | जापान में श्री Ganesh ji जी को कंजीतेंन के नाम से जाना जाता है | Ganesh ji जी को सौभाग्य और खुशियां लाने वाला देवता माना जाता है |

जापान में श्री Ganesh ji जी के 250 मंदिर बनाए गए हैं ऑक्सफोर्ड में छपे पेपर के अनुसार श्री Ganesh ji प्राचीन सेंट्रल एशिया और विश्व की अन्य जगहों पर पूजे जाते हैं Ganesh ji जी की मूर्तियां अफगानिस्तान ईरान , म्यांमार ,श्रीलंका ,नेपाल थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, चाइना, मंगोलिया ,जापान इंडोनेशिया, ब्रूनेई, बुलगारिया, मेक्सिको और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों में मिल चुकी है |

|| जय श्री गणेश ||

कृपया अपना प्यार और आशीर्वाद जरुर बनाए रखे | और अगर आप चाहते है , हम आपके लिए कुछ और तथ्य लेकर आए तो Comment करके जरुर बताए | धन्यवाद

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Originally published at https://www.maabhakti.com on June 28, 2021.

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